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Wednesday, January 6, 2021

सिर्फ 8 लाख रुपये में दिल्ली में मिल रहा फ्लैट, जानें- आवेदन प्रक्रिया और लोकेशन के बारे में

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सिर्फ 8 लाख रुपये में दिल्ली में मिल रहा फ्लैट, जानें- आवेदन प्रक्रिया और लोकेशन के बारे में

8 लाख से 2 करोड़ है इन फ्लैटों की कीमत

दिल्ली विकास प्राधिकरण के मुताबिक, 2 जनवरी को लॉन्च हुई फ्लैटों की स्कीम में फ्लैट की न्यूनतम कीमत 8 लाख रुपये तो लग्जरी फ्लैट की कीमत 2.14 करोड़ रुपये हैं। महंगे फ्लैटों में एचआईजी श्रेणी के थ्री बीएचके फ्लैट हैं।  हालांकि, रजिस्ट्री कराने के बाद इन फ्लैटों की कीमत में 4-5 लाख रुपये का इजाफा हो सकता है।डीडीए अधिकारियों की मानें तो लोकेशन और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होने के चलते इस बार फ्लैटों की कीमतों में इजाफा लाजिमी थी।

कैसे करें आवेदन

फ्लैट के लिए इच्छुक उपभोक्ता डीडीए की आधिकारिक वेबसाइट www.dda.org.in पर इस स्कीम के बारे में पूरी जानकारी लेने के साथ आवेदन भी कर सकते हैं। वेबसाइट पर ही आवास सॉफ्टवेयर से हाउसिंग स्कीम में आवेदन किया जा सकेगा। कोरोना के चलते इस तरह का इंतजाम किया गया है कि ड्रॉ के बाद सिर्फ एक बार डीडीए दफ्तर आने की जरूरत पड़ेगी। वह भी कनवेंस डीड की प्रक्रिया के लिए।

दिल्ली के इन इलाकों में हैं फ्लैट

  • द्वारका
  • जसोला
  • मंगलापुरी
  • वसंतकुंज
  • रोहिणी

कहां-कितने फ्लैट 

डीडीए की हाउसिंग स्कीम के तहत इसमें कुल 1,354 फ्लैट हैं। इनमें 230 फ्लैट द्वारका में और वसंत कुंज में हैं। ये सभी एचआईजी हैं। इसके अलावा, 704 फ्लैट जसोला में हैं। द्वारका में एमआइजी फ्लैट भी हैं। इसके साथ मंगलापुरी और द्वारका में 275 फ्लैट भी हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए रखे गए हैं।  लो इनकम ग्रुप श्रेणी के फ्लैट रोहिणी इलाके में भी हैं।

फ्लैट की कीमतें

  • मंगलापुरी और नरेला में जनता फ्लैट्स भी हैं, जिनकी कीमत 8 लाख से 30 लाख के बीच है।
  •  वसंत कुंज में 13 (3बीएचके/एचआईजी) फ्लैट है। इनकी अनुमानित कीमत 1 करोड़ 43 लाख से 1 करोड़ 72 लाख रुपये है। वसंत कुंज में ही 2 (2 बीएचके/एचआइजी) फ्लैट हैं। इनकी कीमत 97.23 लाख से 1 करोड़ 40 लाख रुपये के करीब है।
  • जसोला में 2 करोड़ 14 लाख रुपये का फ्लैट जसोला में 215(3बीएचके/एचआइजी) फ्लैट योजना में आएंगे। इनकी अनुमानित कीमत 1 करोड़ 97 लाख से 2 करोड़ 14 लाख है।
  • द्वारका सेक्टर 19बी, पाकेट-3 में 352(2बीएचके/एमआइजी) फ्लैट हैं। इनकी कीमत 1 करोड़ 14 लाख रुपये से 1 करोड़ 24 लाख रुपये तक है।
  • द्वारका सेक्टर 16 बी बी, पॉकेट-2 में 348 फ्लैट है। इनकी कीमत 1 करोड़ 16 लाख से 1 करोड़ 27 लाख रुपये है।
  • वसंत कुंज ब्लाक-बी में 4 (2बीएचके/एमआइजी) फ्लैट हैं। इनकी कीमत 66 लाख से 85 लाख रुपये के करीब है।

आवेदन के दौरान कितना देना होगा पैसा

  • डीडीए की स्कीम में आवेदन के लिए ईडब्ल्यूएस कैटिगरी के लिए 25,000 रुपये देने होंगे। ड्रॉ में सफल नहीं होने पर यह पैसे उपभोक्ता को वापस कर दिया जाएगा।
  • एलआइजी के लिए 1 लाख रुपये आवेदन के तौर पर देना होगा।
  • एमआइजी व एचआइजी के लिए आवेदन शुल्क 2 लाख रुपये है।

 छूट के बारे में भी जान लीजिए

यहां पर बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत डीडीए के फ्लैट लेने वालों को एक मुश्त भारी-भरकम छूट भी मिलेगी। इसके तहत अगर कोई EWS के फ्लैट लेना चाहता है तो उसकी सालाना इनकम 3 लाख रुपये तक होनी चाहिए। वहीं, LIG फ्लैट लेने वाले की सालाना कमई 3 से 6 लाख रुपये होनी चाहिए। इसके अलावा MIG के लिए आवेदनकर्ता की सालाना कमाई 6 से 12 लाख बीच हो हो। वहीं, HIG फ्लैट के लिए 12 से 18 लाख रुपये सालाना कमाई होनी चाहिए।

न्यूज़ सोर्स – जागरण’

Saturday, June 20, 2020

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International Yoga Day 2020: पीएम मोदी ने दिया इम्यूनिटी मजबूत करने का ये मंत्र, जानें इसका तरीका

योगियों ने श्वास (Breath) पर गहन गंभीर प्रयोग किए और यह निष्कर्ष निकाला कि प्राण को साध लेने पर सब कुछ साधा जा सकता है. श्वासों का संतुलित होना मनुष्य के प्राणों के संतुलन पर निर्भर करता है.



  • LAST UPDATED:JUNE 21, 2020, 8:58 AM IST
आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी ने आम लोगों से बातचीत की. कोरोना महामारी के चलते इस बार सभी लोग घर पर ही योग कर रहे हैं. वहीं योग दिवस पर पीएम मोदी ने कहा कि प्राणायाम करना बहुत जरूरी होता है. PM मोदी ने कहा- 'Covid19 वायरस खासतौर पर हमारे श्वसन तंत्र यानी respiratory system पर अटैक करता है. हमारे Respiratory system को मजबूत करने में जिससे सबसे ज्यादा मदद मिलती है, वो है प्राणायाम. इसलिए कोरोना काल में आप घर पर प्राणायाम जरूर करिए.' आइए जानते हैं क्या है प्राणायाम और इसके फायदे के बारे में.

प्राणायाम योग के आठ अंगों में से एक है

योगियों ने श्वास पर गहन गंभीर प्रयोग किए और यह निष्कर्ष निकाला कि प्राण को साध लेने पर सब कुछ साधा जा सकता है. श्वासों का संतुलित होना मनुष्य के प्राणों के संतुलन पर निर्भर करता है. प्राणों के सम्यक् व संतुलित प्रवाह को ही प्राणायाम कहते हैं. प्राणायाम योग के आठ अंगों में से एक है. अष्टांग योग में आठ प्रक्रियाएं होती हैं. योग के आठ अंगों में से चौथा अंग है प्राणायाम. प्राणायाम करते या श्वास लेते समय हम तीन क्रियाएं करते हैं- पूरक, कुम्भक और रेचक. इसे ही हठयोगी अभ्यांतर वृत्ति, स्तम्भ वृत्ति और बाह्य वृत्ति कहते हैं अर्थात श्वास को लेना, रोकना और छोड़ना. अंतर रोकने को आंतरिक कुम्भक और बाहर रोकने को बाह्म कुम्भक कहते हैं. प्राणायाम का शाब्दिक अर्थ है - 'प्राण (श्वसन) को लम्बा करना' या 'प्राण (जीवनीशक्ति) को लम्बा करना'. प्राण या श्वास का आयाम या विस्तार ही प्राणायाम कहलाता है. यह प्राण-शक्ति का प्रवाह कर व्यक्ति को जीवन शक्ति प्रदान करता है. योगासनों के बाद हर व्यक्ति को प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए. हम ऐसे 3 प्राणायाम के बारे में बता रहे हैं, जिनका रोजाना अभ्यास करना चाहिए.
अनुलोम विलोम (नाड़ी शोधन प्राणायाम)सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं. आंखें बंद कर लें और सिर व रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें. बाएं हाथ की हथेली को ज्ञान मुद्रा (देखें चित्र) में बाएं घुटने पर रख लें. दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नॉस्ट्रिल पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नॉस्ट्रिल पर लगा लें. तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें. अब बाएं नॉस्ट्रिल से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें. फौरन ही दाएं नॉस्ट्रिल से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें. अब दाएं नॉस्ट्रिल से सांस भरें और अंगूठे से उसे बंद कर दें. इस सांस को बाएं नॉस्ट्रिल से बाहर निकाल दें. यह एक राउंड हुआ. ऐसे 5 राउंड करें.

फायदे
और एंजायटी को कम करता है और प्राण शक्ति को बढ़ाता है.
कफ से संबंधित गड़बड़ियों को दूर करता है.
चित्त को शांत करता है और एकाग्रता को बढ़ाता है.
दिल को स्वस्थ रखता है, ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है, फेफड़ों को ठीक रखता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है.

उज्जयी प्राणायाम
किसी भी आरामदायक आसान में बैठ जाएं. सुखासन में बैठना ठीक है. आंखें बंद कर लें और दोनों नॉस्ट्रिल्स से हल्के हल्के लंबी सांस भरें और निकालें. ध्यान यह रखना है कि सांस को भरते और निकालते वक्त गले की मांसपेशियां सिकुड़ी हुई अवस्था में हों जिससे एयर पैसेज छोटा हो जाए. ऐसी स्थिति में सांस लंबी और गहरी होगी. गले द्वारा पैदा किए जा रहे अवरोध की वजह से सांस लेने और बाहर निकलने की आवाज होगी.

फायदे
इस प्रक्रिया में पैदा होने वाली ध्वनि मन को शांत करती है.
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद मिलती है और हार्ट रेट कम होता है.
नींद न आने और माइग्रेन में भी यह फायदेमंद है.
अस्थमा और टीबी को ठीक करने में मददगार है.

भ्रामरी प्राणायाम
सुखासन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें. दोनों हाथों को चेहरे पर लाएं. दोनों अंगूठे दोनों कानों में जाएंगे, तर्जनी उंगली आंखों के ऊपर रखें, मध्यमा उंगली नाक के पास, अनामिका होंठ के ऊपर और सबसे छोटी उंगली होंठ के नीचे रहेगी. इसे शनमुखी मुद्रा कहते हैं. नाक से गहरा और लंबा सांस लें. अब भरे गए सांस को भंवरे के गूंजने की आवाज करते हुए बाहर निकालें. यह 1 राउंड हुआ. इस तरीके से 5 राउंड कर लें. बाद में बढ़ा भी सकते हैं.

फायदे
मन शांत होता है और दिमाग को आराम मिलता है.
नींद न आने की समस्या से छुटकारा.
ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है.

Solar Eclipse 2020: सूर्य ग्रहण से दिल्ली में भी छाएगा अंधेरा, जानें अपने शहर का पूरा टाइम टेबल

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Solar Eclipse 2020: सूर्य ग्रहण से दिल्ली में भी छाएगा अंधेरा, जानें अपने शहर का पूरा टाइम टेबल

Solar Eclipse 2020: उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में दोपहर के करीब सूर्य ग्रहण एक सुंदर वलयाकार रूप (अंगूठी के आकार का) में दिखेगा, क्योंकि चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक लेगा.



  • LAST UPDATED:JUNE 21, 2020, 8:52 AM IST
नई दिल्ली. रविवार यानी 21 जून को सूर्यग्रहण (Solar eclipse) है. ये साल 2020 का पहला सूर्यग्रहण है. ग्रहण का आंशिक रूप सुबह 9.16 बजे शुरू होगा. वलयाकार (रिंग की तरह) रूप सुबह 10.19 बजे शुरू होगा और ये दोपहर 2.02 बजे खत्म होगा. वहीं ग्रहण का आंशिक रूप दोपहर 3.04 बजे समाप्त होगा.

इन भागों में दिखेगा सूर्य ग्रहण
उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में दोपहर के करीब सूर्य ग्रहण एक सुंदर वलयाकार रूप (अंगूठी के आकार का) में दिखेगा, क्योंकि चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाएगा. वहीं जब चंद्रमा पूरी तरह सूर्य को ढक लेता है तो इसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है. ग्रहण का ये नजारा सुबह उत्तर भारत के राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. इन राज्यों के भीतर भी कुछ प्रमुख स्थान हैं, जहां से साफ-साफ पूर्ण ग्रहण दिखेगा, जिनमें देहरादून, कुरुक्षेत्र, चमोली, जोशीमठ, सिरसा, सूरतगढ़ शामिल हैं.

दिल्ली में छाएगा अंधेरामुंबई के नेहरू तारामंडल के निदेशक अरविंद परांजपे कहते हैं, ‘दिल्ली जैसी जगहों पर दिन में 11 से 11.30 बजे तक पांच-सात मिनट तक अंधेरा रहेगा.’ उन्होंने लोगों को आगाह किया कि सूर्य ग्रहण को खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए, यहां तक ​​कि बहुत कम समय के लिए भी बिना उपकरण के नहीं देखना चाहिए, इससे आंख की रोशनी प्रभावित हो सकती है.

यहां देखें सूर्यग्रहण लाइव:


कितना ढकेगा सूर्य
दिल्ली में लगभग 94 प्रतिशत, गुवाहाटी में 80 प्रतिशत, पटना में 78 प्रतिशत, सिलचर में 75 प्रतिशत, कोलकाता में 66 प्रतिशत, मुंबई में 62 प्रतिशत, बेंगलुरु में 37 प्रतिशत, चेन्नई में 34 प्रतिशत, पोर्ट ब्लेयर में 28 प्रतिशत ग्रहण दिखाई देगा.

कहां कब दिखेगापटना- 10:14-13:44
रायपुर- 10:24-12:10
चडीगढ़- 10:22-13:47
शिमला- 10:23-13:48
रांची- 10:36-14:09
भोपाल- 10:14-13:47
रायपुर- 10:24-13:58
मुंबई- 10:00-13:47
जयपुर- 10:14-13:44
लखनऊ- 10:26-14:47

दो साल बाद फिर दिखेगा ऐसा नजारा

ये सूर्यग्रहण कांगो, सूडान, इथियोपिया, यमन, सऊदी अरब, ओमान, पाकिस्तान और चीन से भी होकर गुजरेगा. दिल्ली में नेहरू तारामंडल की निदेशक एन रत्नाश्री ने कहा कि अगला वलयाकार ग्रहण दिसंबर 2020 में पड़ेगा, जो दक्षिण अमेरिका से देखा जाएगा. 2022 में एक और वलयाकार ग्रहण होगा, लेकिन वह शायद ही भारत से दिखाई देगा.

Tuesday, June 9, 2020

ढाई महीने से Mumbai में फँसा था प्रवासी Sonu Sood ने की मदद.

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ढाई महीने से Mumbai में फँसा था प्रवासी Sonu Sood ने की मदद.

उत्तर प्रदेश में शॉपिंग मॉल 8 जून को फिर से खुल गए, लेकिन आदर्श व्यापर मंडल के एक फैसले के बाद उनमें अधिकांश दुकानें बंद रहीं।

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Monday, June 1, 2020

घर-घर सामान डिलीवरी के आइडिया ने इन्हें बना दिया 24,000 करोड़ की कंपनी का मालिक

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घर-घर सामान डिलीवरी के आइडिया ने इन्हें बना दिया 24,000 करोड़ की कंपनी का मालिक

प्रत्येक व्यक्ति की अभिलाषा होती है कि वह जो भी कार्य करे वह उसकी रुचि के अनुरूप हो तथा उसमें उसे सफलता मिले। हाल के कुछ वर्षों में भारत के युवा पीढ़ी से कई उद्यमी उभर कर आये हैं। इन युवाओं ने किसी कंपनी में काम करने की बजाय, खुद की कंपनी शुरू कर औरों के लिए रोजगार मुहैया में दिलचस्पी दिखाते हुए सफलता की नई कहानियां लिख डाली। आज की कहानी भी एक ऐसे ही युवा उद्यमी की है, जिन्होंने अमेरिका में मोटी तनख्वाह की नौकरी छोड़ स्वदेश लौटने का निश्चय किया और तकनीक का इस्तेमाल कर एक ऐसे कंपनी की आधारशिला रखी जिसकी सच में जरुरत थी। और आज ये देश के एक सफल आईटी कारोबारी हैं जिनका बिज़नेस कई करोड़ों में है। 
यह कहानी है देश की प्रमुख डिलिवरी स्टार्टअप ग्रोफर्स डॉट कॉम के संस्थापक अलबिंदर ढींढसा की। पंजाब के पटियाला में एक मध्यम-वर्गीय परिवार में पले-बढ़े अलबिंदर ने अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद आईआईटी की परीक्षा पास की। सफलतापूर्वक आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत करते हुए 2005 में अमेरिका के यूआरएस कॉर्पोरेशन में ट्रांसपोर्टेशन एनालिस्ट के तौर पर नौकरी कर ली। कुछ समय तक नौकरी करने के बाद उन्होंने एमबीए की पढ़ाई कर भारत लौट आये। यहां उन्होंने जोमैटो डॉट कॉम के साथ करियर की नई शुरुआत की। कॉलेज के दिनों से ही अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करने में विश्वास रखने वाले अलबिंदर ने नौकरी के साथ-साथ बिज़नेस की संभावनाएं भी तलाश रहे थे। 

अमेरिका में नौकरी करते हुए उन्होंने डिलिवरी इंडस्ट्री में एक बड़े गैप को भांपा। उन्होंने देखा कि हाइपर-लोकल स्पेस में खरीददार और दुकानदार के बीच होने वाला लेन-देन बहुत ही जटिल और अव्यवस्थित था। उन्हें इस क्षेत्र में एक बड़े बिज़नेस का अवसर दिखा।
इसी दौरान उनकी मुलाकात उनके एक मित्र सौरभ कुमार से हुई। उन्होंने इस गैप की चर्चा सौरभ से की तो दोनों को महसूस हुआ कि इसमें बिजनेस का एक बड़ा अवसर है जिसे हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। दोनों ने मिलकर इस आइडिया के पीछे रिसर्च करने शुरू कर दिए। इसी कड़ी में इन्होंने स्थानीय फार्मेसी कारोबारी से बातचीत के दौरान पाया कि वे तीन से चार किलोमीटर के क्षेत्र में राेजाना 50-60 होम डिलिवरी करते हैं।
आधारिक संरचना के अभाव में डिलीवरी सिस्टम उस वक़्त एक बड़ी समस्या के रूप में उभर रही थी। इन्होंने बिना कोई वक़्त गवायें एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने का निर्णय लिया जो दुकानदार के साथ-साथ खरीददार के लिए भी फायदेमंद हो और मार्केट के गैप को भी कम कर सके। और इसी सोच के साथ ‘वन नंबर’ की शुरुआत हुई।
उन्होंने घर के नजदीकी इलाके में स्थित फार्मेसी, ग्रोसरी और रेस्टोरेंट से कस्टमर के लिए ऑन-डिमांड पिक-अप और ड्रॉप की सेवा प्रदान करते हुए शुरुआत की। कुछ महीनों तक काम करने के दौरान इन्होंने पाया कि कुल ऑडर्स का 90 प्रतिशत हिस्सा ग्रोसरी और फार्मेसी से आ रहा था। फिर इन्होंने इन्ही दो सेक्टर्स पर फोकस करते हुए अपने मॉडल में बदलाव किया तथा कंपनी को ग्रोफर्स के नाम से रीब्रांड भी किया। 

ग्रोफर्स आज वेबसाइट और मोबाइल एप के जरिए ग्राहकों को ऑनलाइन आर्डर करने की सुविधा प्रदान करती है। इतना ही नहीं प्रतिदिन के रोजमर्रा की चीजों को महज़ कुछ ही घंटों में उनके घर पर डिलीवरी करवा देती। बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता समेत सभी बड़े शहरों में यह प्रतिदिन बीस हज़ार से भी ज्यादा ग्राहकों को सेवा प्रदान करते हुए देश की सबसे बड़ी डिलीवरी स्टार्टअप है। विभिन्न चरणों में अबतक कंपनी ने कुल 597.1 मिलियन डॉलर अर्थात 4508 करोड़ की फंडिंग उठाई है। इतना ही नहीं आज कंपनी की वैल्यूएशन 24,000 करोड़ के पार है।
हज़ारों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर अलबिंदर ने नई पीढ़ी के युवाओं के लिए मिसाल पेश की है। इस सफलता को देख हमें यह सीख मिलती है कि किसी के यहाँ रोजगार करने के बजाय खुद के आइडिया पर काम करते हुए यदि आगे बढ़े तो आने वाले वक़्त में हम भी दूसरे को रोजगार के अवसर प्रदान कर सकेंगे।
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Wednesday, May 20, 2020

इलेक्ट्रिक बसों के लिए यूपी के 14 शहरों में बनेंगे चार्जिंग स्टेशन, चलाई जानी हैं 700 इलेक्ट्रिक बसें

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लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश सरकार ने 14 शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए वहां चार्जिंग स्टेशन बनाने को मंजूरी दे दी है। जिन शहरों में स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) नहीं है, वहां नगर आयुक्तों की अध्यक्षता में कमेटी बना दी गई है। एसपीवी व कमेटी शहरों में इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए जमीन चिह्नित करने का काम करेंगी। प्रमुख सचिव नगर विकास दीपक कुमार ने इसके आदेश जारी कर दिए।

उत्तर प्रदेश के 14 शहरों लखनऊ, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, मथुरा-वृंदावन, गोरखपुर, गाजियाबाद, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़ व झांसी में 700 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जानी हैं। शर्तों के आधार पर बसें चलाने से पहले इन शहरों में निकायों को चार्जिंग स्टेशन बनवाकर देना है। इसके बाद यहां बसें चलाई जाएंगी। नगर विकास विभाग ने पिछले दिनों मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के यहां इस संबंध में बैठक कराई थी। इसमें सहमति बन गई है।

लखनऊ, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ और मथुरा-वृंदावन में एसपीवी बनी हुई है। यहां एसपीवी जमीन चिह्नित करने का काम करेगी। इसके अलावा शेष सात शहरों गोरखपुर, गाजियाबाद, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़ व झांसी में नगर आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बना दी गई है। इसमें डीएम द्वारा नामित अधिकारी, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, सेवा प्रबंधक उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम सदस्य होंगे।

Monday, May 18, 2020

कोरोना की पहली वैक्सीन बनाने का दावा, ह्यूमन ट्रायल में रही सफल देखिये ACHIN NEWS

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कोरोना की पहली वैक्सीन बनाने का दावा, ह्यूमन ट्रायल में रही सफल
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच दुनियाभर के देशों के एक्सपर्ट टीके की तलाश में है. इसी बीच Moderna Inc. ने दावा किया है कि उसका पहला ट्रायल सफल हुआ है. इसकी वैक्सीन के जरिए शरीर में एंटीबॉडीज बन रही हैं, जो वायरस के हमले को काफी कमजोर बना देती हैं. हालांकि ये पहला ट्रायल होने के कारण छोटे ग्रुप पर किया गया है लेकिन तब भी डर के इस माहौल में ये पहली बड़ी खबर मानी जा रही है.

कैसे हो रहा है ट्रायल
वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग स्टेज में हो रहा है. इसके तहत देखा जा रहा है कि दवा का शरीर पर कैसा असर होता है और इसमें कितना वक्त लगता है. साथ ही साइड इफैक्ट पर भी ध्यान दिया जा रहा है. सिएटल में 45 स्वस्थ लोगों पर हुए परीक्षण के दौरान उन्हें के दो कम मात्रा वाले शॉट्स दिए गए. इस दौरान उनके शरीर में कोरोना से लड़ने वाली एंटीबॉडीज दिखाई दीं. ये नतीजे पहले अप्रूव हो चुके किसी टिपिकल वैक्सीन की तरह ही दिख रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस बारे में कंपनी के CEO स्टीफन बेंसल ने बताया कि एंटीबॉडी का बनना एक अच्छा लक्षण है जो वायरस को बढ़ने से रोक सकता है. बता दें कि मॉडर्ना जनवरी से ही इस वैक्सीन पर काम कर रही है, जबसे चीन के विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस का जीनोम सीक्वेंस अलग किया था.

क्या दिखे साइड इफैक्ट
किसी भी वैक्सीन की तरह इसके भी मामूली दुष्परिणाम फिलहाल दिखे हैं. जैसे एक व्यक्ति जिसे वैक्सीन का बड़ा डोज दिया गया था, उसमें बुखार, मांसपेशियों में तेज दर्द जैसे लक्षण दिखे. वहीं एक व्यक्ति, जिसे मिडिल डोज मिला था, उसके शरीर में जहां इंजेक्शन लगा था, उसके आसपास की त्वचा लाल हो गई. इसके अलावा ज्यादातर में बुखार, उल्टियां, मसल पेन, सिरदर्द जैसे साइड इफैक्ट दिखे. ये सारे ही लक्षण लगभग एक दिन में ठीक हो गए.

कब होगा दूसरे चरण का ट्रायल
माना जा रहा है कि ये जुलाई के आसपास होगा, हालांकि कंपनी का कहना है कि वे इसे जल्दी से जल्दी करने की कोशिश करेंगे. ये 600 लोगों पर होगा. इसमें वैक्सीन की अलग-अलग डोज देकर देखा जाएगा कि कम से कम साइड इफैक्ट के साथ वैक्सीन की कितनी मात्रा तय की जानी चाहिए. वैसे आमतौर पर पहले चरण के ट्रायल के बारे में इतनी चर्चा नहीं की जाती है लेकिन चूंकि कोरोना से पूरी दुनिया प्रभावित है और किसी सकारात्मक खबर के इंतजार में है, इसलिए मॉडर्ना ने फर्स्ट ट्रायल के बारे में भी विस्तार में बताया.
कैसे काम करती है वैक्सीन
इसके तहत वायरस या उसके प्रोटीन का असक्रिय हिस्सा लिया जाता है और जेनेटिक इंजीनियरिंग के जरिए उसे वैक्सीन फॉर्म में लाया जाता है. जब ये शरीर में इंजेक्ट किया जाता है तो शरीर में प्रतिक्रिया स्वरूप एंटीबॉडीज बनने लगती हैं. ये ठीक वैसा ही है, जैसे एक बार बीमार हो चुके व्यक्ति के शरीर में उस बीमारी के लिए एंटीबॉडी बन जाती है. मॉडर्ना इसके लिए RNA तकनीक का इस्तेमाल कर रही है. इस वैक्सीन के भीतर जाते ही RNA शरीर की कोशिकाओं को एंटीबॉडी बनाने का निर्देश देते हैं. वैसे दूसरी बीमारियों के लिए पहले अप्रूव हो चुकी वैक्सीन की तुलना में RNA तकनीक नई है लेकिन जल्द से जल्द बीमारी का इलाज खोजने के लिए ये तरीका निकाला गया.

क्या है क्लिनिकल ट्रायल

ये एक तरह की मेडिकल रिसर्च होती है, जिसमें दवा या वैक्सीन की जांच लोगों पर होती है. किसी खास बीमारी की पहचान, इलाज या उसकी रोकथाम के लिए ये जांच होती है, जो ये समझने में मदद करती हैं कि दवा या टीका सेफ भी है और असरदार भी. दवाओं और टीके के अलावा मौजूदा दवाओं में किसी नई खोज, किसी नए चिकित्सा उपकरण का भी क्लिनिकल ट्रायल हो सकता है.
ट्रायल 3 चरणों में होता है
फिलहाल मॉडर्ना का ये दूसरा चरण होगा. इसका मकसद इस बात की जांच करना है कि दवा या वैक्सीन की ज्यादा खुराक या कितनी ज्यादा खुराक ली जाए, जिसका शरीर पर कोई साइड इफेक्ट न हो. इस दौरान बहुत बारीकी से देखा जाता है कि शरीर दवा पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं. ये भी हो सकता है कि प्री रिसर्च और फेज जीरो में जो परिणाम दिखे हों, इस स्टेप के नतीजे उससे एकदम अलग हों. असर खराब होने पर ट्रायल रोकना होता है. यही वो फेज है, जिसमें ये तय होता है कि दवा को कैसे दिया जाए, जिससे वो ज्यादा असर करे यानी सीरप के रूप में, कैप्सूल की तरह या फिर नसों के जरिए.

कौन शामिल हो सकते हैं ट्रायल में 
कई वजहों से लोग क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा बनते हैं. जैसे कुछ लोग अपनी बीमारी से हार चुके होते हैं और सोचते हैं कि नई दवा से कुछ तो होगा. कुछ लोग इस वजह से जुड़ते हैं क्योंकि उनकी बीमारी का कोई इलाज नहीं है. ट्रायल का हिस्सा बनें, इससे पहले वैज्ञानिक उन्हें उनकी बीमारी और उसके मौजूदा यानी वर्तमान में चल रहे इलाज के बारे में बताते हैं. साथ ही नए परीक्षण की पूरी जानकारी दी जाती है कि इसमें क्या होगा और उनके शरीर पर कैसा असर हो सकता है. ये बातें प्री-रिसर्च में सामने आई बातें ही होती हैं. क्लिनिकल रिसर्च में स्वस्थ लोग भी जुड़ते हैं जो किसी बीमारी से बचाव में दुनिया की मदद करना चाहते हैं या फिर जो अपने किसी परिजन की बीमारी ठीक करने की इच्छा रखते हों. सिर्फ आपकी हां ही काफी नहीं, ट्रायल के लिए आपके हेल्थ की जांच भी होती है. सब ठीक होने पर सहमति पत्र साइन किया जाता है और फिर ट्रायल की शुरुआत होती है. इसमें लगातार आपकी निगरानी होती है.

Tuesday, May 12, 2020

PM मोदी के 34 मिनट के भाषण से जनता ने 34 करोड़ मीम निकाल लिए!

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PM मोदी के 34 मिनट के भाषण से जनता ने 34 करोड़ मीम निकाल लिए!

पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस और लॉकडाउन को लेकर देश को संबोधित किया. लॉकडाउन के दौरान ये उनका पांचवां भाषण था. हिसाब लगाया जाए, तो करीब 34 मिनट बोले, लेकिन शुरुआती 25 मिनट वो भारत और भारतीयों की अहमियत, उनकी भूमिका पर बोलते रहे. राहत पैकेज का ऐलान किया, लॉकडाउन-4 के लिए भी हिंट दिया, लेकिन आधे से ज्यादा भाषण होने के बाद. इसी दौरान सोशल मीडिया पर लोगों ने क्रिएटिविटी दिखानी भी शुरू कर दी. लंबे इंट्रो को लेकर मीम्स डाले, कुछ तो बहुत ही मज़ेदार. उनमें से कुछ मीम हम आप लोगों को आगे दिखाने जा रहे हैं.

# चीकू जी को गोलमाल के वसूली भाई याद आए.

वो पीएम मोदी का भाषण खत्म होने का इंतज़ार कर रहे थे, क्योंकि उन्हें पनवेल निकलना था!


अभी अभी: लॉकडाउन 4 तय, मोदी ने कर दिया बड़ा ऐलान, दिए इतने पैसे, उड़ जाएंगे आपके होश

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अभी अभी: लॉकडाउन 4 तय, मोदी ने कर दिया बड़ा ऐलान, दिए इतने पैसे, उड़ जाएंगे आपके होश



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में लॉकडाउन 4.0 का संकेत दिया. पीएम मोदी ने बताया कि 18 मई से पहले लॉकडाउन के चौथे चरण की जानकारी साझा की जाएगी, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये लॉकडाउन नए रंग-रूप-नियम वाला होगा. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आर्थिक पैकेज का ऐलान भी किया, जो कि 20 लाख करोड़ रुपये का है. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लॉकडाउन 4.0 नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा. राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, इससे जुड़ी जानकारी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी.’

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्‍ट्र को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने आज कोरोना संकट के दौर में 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। उन्‍होंने कहा, कोरोना संकट का सामना करते हुए, नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं। ये आर्थिक पैकेज, 'आत्म निर्भर भारत अभियान' की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा। हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे, और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है।

ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है। इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा। 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में Land, Labour, Liquidity और Laws, सभी पर बल दिया गया है। ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग,गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे MSME के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है।

ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है। जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है। ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है। आपने भी अनुभव किया है कि बीते 6 वर्षों में जो Reforms हुए, उनके कारण आज संकट के इस समय भी भारत की व्यवस्थाएं अधिक सक्षम, अधिक समर्थ नज़र आईं हैं।

अब Reforms के उस दायरे को व्यापक करना है, नई ऊंचाई देनी है। ये रिफॉर्मस खेती से जुड़ी पूरी सप्लाई चेन में होंगे, ताकि किसान भी सशक्त हो और भविष्य में कोरोना जैसे किसी दूसरे संकट में कृषि पर कम से कम असर हो

उन्‍होंने कहा है कि, साथियों, एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है। एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं। इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है। जब कोरोना संकट शुरू हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं।

भारत की प्रगति में तो हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है। भारत के लक्ष्यों का प्रभाव, भारत के कार्यों का प्रभाव, विश्व कल्याण पर पड़ता है। जब भारत खुले में शौच से मुक्त होता है तो दुनिया की तस्वीर बदल जाती है। टीबी हो,कुपोषण हो, पोलियो हो, भारत के अभियानों का असर दुनिया पर पड़ता ही पड़ता है।

जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नई आशा लेकर पहुंचती हैं। इन कदमों से दुनिया भर में भारत की भूरि-भूरि प्रशंसा होती है, तो हर भारतीय गर्व करता है। दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है। सवाल यह है -कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर है- 130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प।

आज हमारे पास साधन हैं, हमारे पास सामर्थ्य है, हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट है, हम Best Products बनाएंगे, अपनी Quality और बेहतर करेंगे, सप्लाई चेन को और आधुनिक बनाएंगे, ये हम कर सकते हैं और हम जरूर करेंगे। यही हम भारतीयों की संकल्पशक्ति है। हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं, कोई राह मुश्किल नहीं। और आज तो चाह भी है, राह भी है। ये है भारत को आत्मनिर्भर बनाना।


आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत, पाँच Pillars पर खड़ी होगी। पहला पिलर Economy, एक ऐसी इकॉनॉमी जो Incremental change नहीं बल्कि Quantum Jump लाए, दूसरा पिलर Infrastructure, एक ऐसा Infrastructureजो आधुनिक भारत की पहचान बने। तीसरा पिलर- हमारा System- एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं, बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली Technology Driven व्यवस्थाओं पर आधारित हो। चौथा पिलर- हमारी Demography- दुनिया की सबसे बड़ी Democracy में हमारी Vibrant Demography हमारी ताकत है, आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है।


देश में सबसे पहले 25 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था। इसके बाद दूसरा चरण 14 अप्रैल को और तीसरा चरण 4 मई से शुरू हुआ था। 17 मई को यह समाप्‍त होने जा रहा है। देश में कोरोना संक्रमण पर अभी काबू नहीं पाया जा सका है। दिनों दिन मामले बढ़ते जा रहे हैं। मंगलवार को पीएम मोदी ने देश भर के मुख्‍यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से मीटिंग की थी, इसमें कई राज्‍यों ने लॉकडाउन बढ़ाए जाने की मांग की थी।


पीएम मोदी ने कहा कि एक वायरस ने दुनिया को तहस नहस कर दिया है विश्‍व भर में करोडो लोग संकट का सामना कर रहे हैं सारी दुनिया जिंदगी बचाने की जंग में जुटी हैं हमने ऐसा संकट न देखा है न सुना है यह मानव जाति के लिए अल्‍कपनीय है अभूतपूर्व है लेकिन थकना हारना टूटना बिखरना मानव को मंजूर नहीं है सतर्क रहते हुए सभी नियमों का पालन करते हुए संकल्‍प करना होगा 

मोदी ने कहा कि आज भारत के पास साधन है सामार्थ है आज दुनिया की सबसे बेहतर टेलेंट हैं हम अच्‍छे प्रोडक्‍ट बनाएंगे क्‍वालिटी अच्‍छी करेंगे सप्‍लाई चेन और बढाएंगें ये हम कर सकते हैं 

मोदी ने कहा कि मैंने अपनी आंखों के सामने कच्‍छ भूकंप के वो दिन देखें हैं जहां हर तरफ मलवा ही मलवा था उस परिस्‍थिति को कभी सोच नहीं सकते थे कि हालत बदल जाएंगे लेकिन देखते ही देखते कच्‍छ उठ खडा हुआ यही भारत की शक्‍ति है यदि हम ठान लें तो आज कोई मुश्‍किल नहीं 

मोदी ने कहा कि कोरोना संकट में आज विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं यह आत्‍म निर्भर अभ्यिान में काम करेगा यह पैकेज 20 लाख करोड रुपए है जो भारत की जीडीपी का दस फीसदी है इससे देश के विभिन्‍न वर्गों को 20 लाख करोड रुपए का पैकेज मिलेगा जो देश की विकास को गति देगा 


पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 6 सालों में भारत सक्षम बना है सरकार का भेजा पैसा सीधे गरीब तक पहुंचा उन्‍होंने कहा कि सरकार कई तरह के बदलाव लाने जा रही है मेक इन इंडिया के संकल्‍प को आगे बढाएंगे भारत ग्‍लोबल सप्‍लाई चेन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाए ये समय की मांग है 


कोरोना संकट इतना बडा है कि बडे से बडे देशों की व्‍यवस्‍थाएं हिल गईं हैं लेकिन भारत के श्रमिक वर्ग ने इस दौरान बहुत कष्‍ट झेलें हैं अब हमारा कर्तव्‍य है उनको ताकतवर बनाने का उनके लिए आर्थक पैकेज में ऐलान किया जाएगा मोदी ने कहा कि लोकल ने ही हमें बताया है समय ने सिखया है कि आपको लोकल को बढाना ही होगा आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना है लोकल खरीदें और गर्व से प्रचार करें


आत्‍मि‍निर्भर भारत के पांच पीलर 

पहली इकोनॉमी दूसरा पीलर इंफ्रास्‍टक्‍चर जो आधुनिक भारत की पहचान बने 

तीसरा पीलर एक ऐसा सिस्‍टम जो 21 वीं सदी के सपनों के साकार करने वाली टेक्‍नोलॉजी पर आधारित हो 

चौथ पीलर डेमोग्राफी हमारी ताकत है

पांचावा पीलर डिमांड अर्थव्‍यवस्‍था में डिमांड और सप्‍लाई की ताकत को बढाने की जरूरत है 


कोरोना वायरस महामारी (CoronaVirus) के बीच एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के तीसरे चरण 17 मई को खत्म होने के पहले पीएम मोदी का यह राष्ट्र के नाम पांचवां संबोधन था. राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों के साथ सोमवार को हुई बैठक के बाद पीएम का यह संबोधन काफी अहम माना जा रहा था. 

मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के बाद पीएम मोदी बोले- जारी रखना होगा लॉकडाउन
पीएम मोदी ने देश के तमाम मुख्यमंत्रियों के साथ सोमवार को करीब छह घंटे तक चली वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 17 मई के बाद भी लॉकडाउन को जारी रखना होगा. पीएम मोदी ने इस दौरान आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने पर भी जोर दिया और इसके लिए कंटेनमेंट जोन के बाहर लॉकडाउन के नियमों में ढील के भी संकेत दिए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले चरण में लॉकडाउन के जिन कदमों की जरूरत थी, उनकी दूसरे चरण में नहीं थी, तीसरे चरण में जरूरी कदमों की चौथे में आवश्यकता नहीं.

आज रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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आज रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे. देश में कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के बीच यह पीएम मोदी का चौथा राष्ट्र के नाम संबोधन होगा. प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल पर आज के राष्ट्र के नाम संबोधन की जानकारी दी गई.